हिंद अरविंद
Saturday, 25 January 2014
आम आदमी कौन
वह जो लोहा पीटता
चंद रोटी के लिए
पसीने से तरबदर
अपने भाग्य को ढोने
को विवश है
या फिर वह
जो वातानुकूलित कमरों में
हाथ में काजू लिए
गर्म कॉफी का स्वाद लेता हुआ
आम आदमी को मुख्यधारा में
लाने की बात करता है।
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